वर्धा। महात्मा गांधी ने 1936 में जिस सेवाग्राम आश्रम की स्थापना की थी, वह आज भी उनके विचारो और रचनात्मक कार्यों के केंद्र के रूप में जाना जाता है। वहाँ के कार्यों को समप्न्न कराने की ज़िम्मेदारी के लिए एक अध्यक्ष की व्यवस्था की गई है। पूर्व अध्यक्ष टीएन प्रभु की पिछले कई दिनों से तबीयत खराब चल रही थी, अपने खराब स्वास्थ्य के कारण उन्होने त्यागपत्र दे दिया था। इस कारण कोलकाता में आयोजित सर्व सेवा संघ की बैठक में उनके चुनाव की ज़िम्मेदारी को दे दी गई थी। उनके निर्देशन में गठित समिति ने आशा बोथरा का नाम सुझाया। जिसे मान लिया गया। उनके चयन होने और सेवाग्राम आश्रम का अधिभार संभालने के बाद खड़ी के सूत की माला से उनका स्वागत किया गया।
आशा बोथरा सर्व सम्मति से चुनी गई महात्मा गांधी द्वारा स्थापित सेवाग्राम आश्रम की अध्यक्ष
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