Lucknow: उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित कॉस्मिक डेंटल क्लीनिक के डॉ. विक्रम अहूजा (Dr Vikram Ahuja) ने वह कर दिखाया जिसे करने से भारत ही नहीं विश्व भर के डॉक्टर्स के हाथ कांपते हैं. उन्होंने अत्यंत जटिल सर्जरी करके एक ही दिन में मरीज के सभी 26 दांत निकालकर उनके स्थान पर नए दांत लगा दिए. सर्जरी में सिर्फ 3 घंटे का समय लगा. सर्जरी के कुछ घंटे बाद ही मरीज खा पी सकता है और बिल्कुल स्वस्थ है. यह अपने आप में एक विश्व रिकार्ड है.
8 महीने से परेशान था मरीज
डॉ. विक्रम अहूजा (Dr Vikram Ahuja) ने बताया कि लखनऊ के चौक निवासी मरीज को पिछले 8 माह से दांतों में समस्या थी. मुख्य रूप से ऊपर के दांत गल गए थे लेकिन दांतों की जड़े हडि्डयों में फंसी हुई थी. ज्यादातर दांत हिलने लगे थे. इसके कारण कुछ भी चबाने के दौरान उन्हें बहुत दर्द हो रहा था. इसके कारण वह डिप्रेशन का भी शिकार हो गए. समस्या को लेकर उन्होंने लखनऊ के कई डॉक्टर्स को दिखाया. जहां पर उन्हें 5 से 6 बार में ही सर्जरी करने और नए इंप्लांट के माध्यम से दांत लगवाने की सलाह दी गई.
लेकिन मरीज अपनी व्यस्तता और सर्जरी में होने वाले दर्द के कारण बार बार क्लीनिक के चक्कर नहीं लगाना चाहता था. इसलिए उसने एक बार में ही सभी दांत निकालकर सर्जरी के लिए अनुरोध किया. इसके कारण डॉक्टर ने गोमती नगर स्थित कॉस्मिक डेंटल क्लीनिक के डॉ. विक्रम अहूजा (Dr Vikram Ahuja) के पास रेफर कर दिया.
डॉ. विक्रम (Dr Vikram Ahuja) ने बताया कि जांच के बाद पता चला कि सभी दांत डैमेज हैं और इन्हें रिप्लेस करना पड़ेगा. आम तौर पर मुंह को चार हिस्से में बांटकर कम से कम चार बार में ही सर्जरी की जाती है. यह सुरक्षित प्रक्रिया है. इसलिए डॉ. विक्रम ने भी मरीज को कम से कम चार बार में सर्जरी कराने की सलाह दी. लेकिन पेशेंट इसके लिए तैयार नहीं था. इस कारण मरीज के सभी दांत एक बार में ही निकालकर सर्जरी का निर्णय लिया गया.
तीन घंटे में हो गई सर्जरी

डॉ. विक्रम अहूजा (Dr Vikram Ahuja) ने बताया कि एक बार की सर्जरी में ही सभी दांत निकाले गए. इसके बाद सीबीसीटी एक्सरे की सहायता से उनकी जबड़े की हड्डियों में 11 इंप्लांट लगाए गए. इस पूरी प्रक्रिया में सिर्फ 3 घंटे का समय लगा.

डिजिटल स्कैनिंग (Digital Scanning) से मिली मदद
इंप्लांट लगने के बाद डेंटल स्कैनर का प्रयोग किया गया. डेंटल स्कैनर की सहायता से पूरे मुंह की डिजिटल स्कैनिंग हो जाती है और दांतों की सही सही माप मिल जाती है. इसकी सहायता से दांतों की सही नाप को प्लास्टिक कास्ट पर प्रिंट करके पन्ना डेंटल लैब के सहयोग से प्रोस्थेसिस बनवाए.
मरीज के मेजरमेंट के अनुसार ही दो से 3 घंटे में प्रोस्थेसिस (आर्टीफीशियल दांत) बनकर आए और उन्हें इंप्लांट की सहायता से लगा दिया गया. इस प्रकार 11 इंप्लांट की सहायता से कुल 28 दांत लगाए गए. हालांकि ये अभी अस्थायी हैं और अगले 4 से 6 माह में सभी परमानेंट दांत लगा दिए जाएंगे. सर्जरी में डॉ. अभषेक, डॉ. शुब्धा सिंह व टेक्नीशियन बृजेश ने भी सहयोग किया.
तोड़ा खुद का रिकार्ड
डॉ. विक्रम अहूजा (Dr Vikram Ahuja) ने बताया कि इससे पहले वर्ष 2014 में उन्होंने कनाडा के एक पेशेंट के 28 दांत निकालकर इंप्लांट की सहायता से नए दांत लगाए थे. लेकिन उस दौरान पूरी प्रक्रिया में करीब 6 घंटे का समय लगा था. इस बार नई तकनीक अपनाते हुए उन्होंने 3 घंटे में ही मरीज के सभी दांत पूरी तरह से बदल दिए. इस प्रकार उन्होंने अपना स्वयं का रिकार्ड तोड़ा है. कनाडा का मरीज खुद इंटरनेट के माध्यम से सर्च करके डॉ. विक्रम के पास आया था. क्योंकि कनाडा में डॉक्टर्स ने 12 से अधिक बार में सर्जरी करने की सलाह दी थी. लेकिन वह इतनी बार क्लीनिक के चक्कर नहीं लगाना चाहते थे. डॉक्टर विक्रम ने मात्र दो बार में ही उनके परमानेंट दांत लगा दिए थे.

अत्यधिक जटिल है सर्जरी, यूरोप में हो गई थी मौत
डॉ. विक्रम (Dr Vikram Ahuja) ने बताया कि एक बार में सभी दांत निकालना और इंप्लांट लगाना अपने आप में एक जटिल सर्जरी है. इसमें अत्यधिक ब्लीडिंग का खतरा रहता है. इसमें नसों (Nerves) को नुकसान (Damage) होने का खतरा भी रहता है. दांतों की सही नाप लेकर प्रोस्थेसिस लगाना अपने आप में चुनौती है. इसलिए सर्जरी के दौरान डॉक्टर के सामने बहुत चुनौती रहती है. ब्लीडिंग कंट्रोल रखना पड़ता है ओर खून की नली (Artery) व नसों (Nerves) को नुकसान न हो इसका ध्यान रखना पड़ता है.