Income Tax: नए इनकम टैक्स स्लैब की व्यवस्था में टैक्सपेयर्स को किसी प्रकार के निवेश पर टैक्स छूट का लाभ नहीं मिलता है. यानी नई व्यवस्था चुनने पर 70 से ज्यादा तरह की छूट और कटौती का लाभ नहीं मिलेगा है, जो पुराने टैक्स स्लैब में मिलता है.
टैक्स विशेषज्ञों के अनुसार करदाताओं को नए स्लैब के अनुसार अपनी कुल कमाई पर कर देनदारी की गणना करनी चाहिए. फिर दोनों की तुलना करने के बाद ही अपने लिए बेहतर स्लैब का चुनाव करना चाहिए.
उदाहरण के लिए, पुराना स्लैब चुनने पर आयकर कानून की धारा 80सी के तहत आयकरदाता विभिन्न प्रकार के निवेश पर एक वित्त वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक की बचत कर सकता है. इसके अलावा, नौकरीपेशा एलटीए, एचआरए, स्टैंडर्ड डिडक्शन के लिए 50,000 रुपये की छूट का दावा कर सकते हैं.
हर साल स्लैब बदलने की सुविधा
नौकरीपेशा या पेंशनभोगी, जिनकी बिजनेस से कोई आय नहीं है, वे हर साल नई या पुरानी कर व्यवस्था में एक चुन सकते हैं. कमाई का स्रोत बिजनेस है तो नई व्यवस्था चुनने के बाद एक ही बार पुराने स्लैब में लौट सकते हैं.
नई व्यवस्था में नहीं मिलेंगी ये छूट
- 2बीबी के तहत चिल्ड्रेन एजुकेशन अलाउंस, हॉस्टल अलाउंस, ट्रांसपोर्ट अलाउंस, यूनिफॉर्म अलाउंस जैसी विशेष कटौती.
- धारा 10एए के तहत एसईजेड छूट.
- धारा 16 के तहत मनोरंजन अलाउंस और पेशेवर कर के लिए कटौती.
- होम लोन के ब्याज पर छूट.
- 32एडी, 33एबी, 33एबीए के तहत विभिन्न प्रकार की कटौती.
- 80सी, 80सीसीसी, 80सीसीडी, 80डी, 80डीडी, 80डीडीबी, 80ई, 80ईई, 80ईईए, 80ईईबी, 80जी, 80जीजी, 80जीजीए व 80टीटीए या 80टीटीबी के तहत छूट.
इनके लिए ठीक है नया स्लैब
आयकरदाता की उम्र अगर 30 साल से कम है तो उनके लिए नया स्लैब ही बेहतर होगा. इसके अलावा, 10 लाख रुपये से कम कमाने वाले लोगों के लिए भी नई व्यवस्था का चुनाव बेहतर विकल्प हो सकता है.
- अगर आपकी कमाई 15 लाख रुपये या इससे ज्यादा है तो नया स्लैब ही बेहतर है. इसमें सर्वाधिक टैक्स 30 फीसदी है.
- यह व्यवस्था उन आयकरदाताओं के लिए फायदेमंद है, जो कम छूट और कटौती के लिए दावा करते हैं।
अपनाएं 20 फीसदी का फॉर्मूला
विशेषज्ञों के अनुसार नया या पुराना टैक्स स्लैब चुनने के लिए आप 20% का फॉर्मूला अपना सकते हैं. इसके तहत अगर आपने कोई होम लोन नहीं लिया है और न ही कोई बीमा खरीदा है या किसी प्रकार का निवेश किया है तो भी बच्चों की स्कूल फी, मकान किराया, पीएफ योगदान और स्टैंडर्ड डिडक्शन आदि पर छूट का दावा कर सकते हैं. यह छूट अगर आपकी कमाई की 20% है तो आप पुरानी कर व्यवस्था का चुनाव कर सकते हैं.